Bank Name Changed: नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अपना नाम बदलकर अब ‘स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड’ कर लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बदलाव को 21 मई 2025 को मंजूरी दी है। यह अप्रूवल RBI अधिनियम 1934 के अंतर्गत दिया गया है।
बैंक का नाम बदला तो क्या होगा पुराने डॉक्यूमेंट्स का ?
नाम बदलने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुरानी चेकबुक, पासबुक, डेबिट कार्ड और IFSC कोड का क्या होगा ?
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक का नाम बदलने के बाद भी ग्राहक अपने पुराने लेन-देन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें चेकबुक, पासबुक, डेबिट कार्ड और IFSC कोड भी शामिल हैं।
IFSC कोड और बैंकिंग लेन-देन पर असर नहीं
जब तक बैंक की ओर से कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आता, तब तक IFSC कोड में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यानी, ग्राहक पहले की तरह बिना रुकावट बैंकिंग ट्रांजेक्शन करते रह सकते हैं। यह बदलाव तुरंत लागू नहीं होगा और ग्राहकों को समय रहते नई जानकारी दी जाएगी।
कब तक मिलेंगे नए बैंक डॉक्यूमेंट्स ?
बैंक की ओर से जल्द ही ग्राहकों को नई पासबुक, चेकबुक और डेबिट कार्ड देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बारे में बैंक आधिकारिक सूचना जारी करेगा। तब तक ग्राहक अपने पुराने दस्तावेजों से ही लेन-देन कर सकते हैं।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए ?
इस बदलाव को लेकर ग्राहकों को बैंक से कोई निर्देश मिले बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। अगर किसी को कोई शंका हो तो वे निकटतम बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
स्लाइस बैंक का विजन क्या है ?
बैंक का नाम बदलने पर स्लाइस बैंक के प्रवक्ता ने कहा
“हम भारत का सबसे पसंदीदा बैंक बनने की दिशा में अग्रसर हैं। हमारा फोकस ग्राहकों के समय और पैसे को महत्व देने पर है। हमारा उद्देश्य ग्राहकों को सरल, तेज़ और भरोसेमंद बैंकिंग अनुभव देना है। यह बदलाव पूरी तरह सहज और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। हम अपने पूर्वोत्तर भारत की जड़ों को ध्यान में रखते हुए देशभर में विस्तार कर रहे हैं।”
बैंकिंग सेक्टर में यह बदलाव क्यों अहम है ?
इस तरह के नाम परिवर्तन से यह स्पष्ट होता है कि बैंक ब्रांडिंग, विस्तार और डिजिटल बैंकिंग अनुभव को और मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं। इससे बैंक की पहचान और ग्राहकों के साथ संबंध और गहरे होते हैं।