हरियाणा के 3489 गांवों में नहीं बचा पीने लायक पानी, भूजल संकट ने दी खौफनाक चेतावनी! Haryana Drinking Water Crisis

Haryana Drinking Water Crisis: हरियाणा प्रदेश के 3489 गांवों में अब पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अगर समय रहते जल संरक्षण पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में 1811 और गांव भी इस संकट की चपेट में आ सकते हैं।

2246 गांवों में भूजल 30 मीटर से ज्यादा गहराई में

जन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 2246 गांवों में भूजल स्तर 30 मीटर से ज्यादा नीचे चला गया है। इसे गंभीर संकट क्षेत्र (Severe Water Crisis Zone) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 1243 गांव मध्यम संकट और 1811 संभावित संकट क्षेत्र में हैं। वहीं, 1117 गांव ऐसे हैं जहां भूजल की स्थिति संतोषजनक है, लेकिन वहां भी खतरे की आहट महसूस की जा रही है।

25 गांवों में मात्र 1 मीटर से भी कम भूजल स्तर

राज्य के 25 गांव ऐसे भी हैं, जो सेम ग्रस्त क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां भूजल की गहराई 1 मीटर से भी कम रह गई है। इस स्थिति में न तो पीने का पानी सुरक्षित रह पाता है और न ही खेती योग्य जल उपलब्ध हो पाता है।

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कहां कितना है भूजल स्तर आंकड़ों में स्थिति

भूजल संकट की स्थितिगांवों की संख्याभूजल गहराई
गंभीर संकट ग्रस्त224630 मीटर से अधिक
मध्यम संकट ग्रस्त124320 से 30 मीटर
संभावित संकट ग्रस्त181110 से 20 मीटर
संतोषजनक स्तर पर11175 से 10 मीटर
सेम ग्रस्त (01 से 03 मीटर)2791 से 3 मीटर
गंभीर सेम ग्रस्त (01 मीटर से कम)251 मीटर से कम
कुल भूजल प्रभावित गांव7403

बाढड़ा और तोशाम में दिखा सुधार लेकिन काफी नहीं

बाढड़ा क्षेत्र के गोपी, बेरला, नीमड़ बडेसरा और लाडावास, तथा तोशाम के दांग कला, दांग खुर्द जैसे कुछ गांवों में जल जीवन मिशन, थ्री पोंड-फाइव पोंड सिस्टम और स्थानीय जागरूकता अभियानों के चलते एक फुट तक भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। हालांकि, यह सुधार राज्य स्तर पर काफी नहीं माना जा रहा।

जल गुणवत्ता की भी बिगड़ती स्थिति चिंताजनक

भूजल संकट के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता भी गिरती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पानी में खारापन, क्लोराइड, हार्डनेस, टीडीएस, पीएच, फ्लोराइड और आयरन तय मानकों से अधिक हो जाएं तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

तत्वस्वीकृत सीमा
खारापन200 से 600 mg/l
क्लोराइड250 से 1000 mg/l
हार्डनेस300 से 600 mg/l
टीडीएस500 से 2000 mg/l
पीएच6.5 से 8.5
फ्लोराइड1 से 1.5 mg/l
आयरन0.3 से 1.0 mg/l
अमोनिया0.5 mg/l
नाइट्रेट45 mg/l
फास्फेट0.5 mg/l

समस्या का समाधान क्या है ?

राज्य सरकार को भूजल प्रबंधन, नहरी सिंचाई विस्तार, वर्षा जल संचयन, और स्थानीय जल स्रोतों के पुनर्जीवन जैसे समाधानों पर कार्य करने की सख्त आवश्यकता है। इसके लिए गांव स्तर पर जल समितियों का गठन, स्कूलों में जल शिक्षा, और कृषि में जल दक्ष तकनीकों का इस्तेमाल भी आवश्यक है।

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संकट से निपटने को चाहिए ठोस नीति और जनसहभागिता

हरियाणा में जल संकट केवल पर्यावरणीय नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक संकट भी बनता जा रहा है। यदि आज भी प्रभावी नीतियां और आमजन की भागीदारी सुनिश्चित नहीं की गई, तो भविष्य में यह स्थिति आजीविका और स्वास्थ्य दोनों को संकट में डाल सकती है।

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